आगे की कहानी
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कमला -भगवान के लिए ऐसा मत कहो ,झाड़ फूक भी कई लोग कर चुके है फिर भी फायदा नही ।
दीनानाथ -कमला ,समझ ने की कोशिश करो ,क्या इलाज से ज्यादा झाड़ फूक मै विश्वास रखती हो ।
कमला -जब इलाज से कोई फायदा नही होता तो कभी कभी भूत- प्रेत बाधा का चक्कर बन जाता है
दीनानाथ -कमला ,मुझे कुछ नही है [कराहते हुए ]
कुरता धोती पहने हुए ,बिस्तर पे लैटे हुए ,पैरो से गले तक भागल पुरी चादर ओढ़े हुए है ।
असरफ का प्रवेश
सेठ दीनानाथ के बचपन के मित्र ,गरीब व्यक्ति है ,कमीज ,तहमल लपेटे है हाथ मे छड़ी है ।
असरफ -नमस्कार भाई साहब , क्या अब थोड़ी आराम मिली है ?
से ० दीनानाथ -असरफ भाई ,जो भगवान को मंजूर होगा वही होगा ।अब बहुत मुश्किल है [आँखों मै आँसू आ जाते है
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कमला -भगवान के लिए ऐसा मत कहो ,झाड़ फूक भी कई लोग कर चुके है फिर भी फायदा नही ।
दीनानाथ -कमला ,समझ ने की कोशिश करो ,क्या इलाज से ज्यादा झाड़ फूक मै विश्वास रखती हो ।
कमला -जब इलाज से कोई फायदा नही होता तो कभी कभी भूत- प्रेत बाधा का चक्कर बन जाता है
दीनानाथ -कमला ,मुझे कुछ नही है [कराहते हुए ]
कुरता धोती पहने हुए ,बिस्तर पे लैटे हुए ,पैरो से गले तक भागल पुरी चादर ओढ़े हुए है ।
असरफ का प्रवेश
सेठ दीनानाथ के बचपन के मित्र ,गरीब व्यक्ति है ,कमीज ,तहमल लपेटे है हाथ मे छड़ी है ।
असरफ -नमस्कार भाई साहब , क्या अब थोड़ी आराम मिली है ?
से ० दीनानाथ -असरफ भाई ,जो भगवान को मंजूर होगा वही होगा ।अब बहुत मुश्किल है [आँखों मै आँसू आ जाते है